Mirza Ghalib said: साकी पीने दे मस्जिद में बैठ कर, वरना वो जगह बता दे जहां खुदा न हो |
Allama Iqbal rebuts him with his couplet: मस्जिद खुदा का घर है, पीने की जगह नहीं, काफिर के दिल में जा, वहाँ खुदा नहीं |
Faraz rebuts Iqbal by saying: काफिर के दिल से आया हूँ मैं ये देख कर, खुदा मौजूद है वहाँ उसे पता नहीं |
Tuta ho dil to dukh hota hai ....... Kar ke Mohobat kis se ya dil rota hai.......... Dard ka ehasas to tab hota hai .............. Jab jis se Mohabat ho uska dil me koi aur hota hai.....
ReplyDeleteLadki mandir me:Hey bhagawan.! Kisi samajhdar ladke ko mera boyfriend bana do.
ReplyDeleteBhagawan: Ghar chali ja beti.,
Samajhdar ladke kabhi girlfriend nahi banate..
Lag rahi hain tarkeebein meri besudh maut ke liye
ReplyDeleteUnhe ho gaya hai shaq shayad, ki main begunaah hun..
हम तो आंधियो में जलने वाले चिराग है
ReplyDeleteहमारी क्या पूछते हो ....
तुम कहते हो की लों कम है
मैं कहता हूँ की जल रहा हूँ
यही क्या कम है ....
सुना था की शमा जलती है तो
ReplyDeleteपरवाने उस पे जल -२ के मरा करते है ....
कोई हमें देखे तो जाने की
केसे हम जल -२ के जिया करते है .......
राहों पे नज़र रखना, होठों पे दुआ रखना |
ReplyDeleteआ जाये कोई शायद, दरवाजा खुला रखना ||
एहसास की शमा को, इस तरह जला रखना |
अपनी भी खबर रखना, उसका भी पता रखना ||
तन्हाई के मौसम में, सायो की हुकूमत है |
यादों के उजालो को, सीने से लगा रखना ||
रातों को भटकने की, देता है सजा मुझको |
दुश्वार है पहलू में, दिल तेरे बिना रखना ||
लोगो की निगाहों को, पढ़ लेने की आदत है |
हालात की तहरीरें, चेहरे से बचा रखना ||
भूलूँ मैं अगर ए दिल, तु याद दिला देना |
तन्हाई के लम्हों का, हर जख्म हरा रखना ||
इक बूँद भी अश्को की, दामन ना भिगो पाए |
गम उसकी अमानत है, पलकों पे सजा रखना ||
इक तरह कतील उनसे , बर्ताव रहे अपना |
वो भी ना बुरा माने, दिल का भी कहा रखना ||
लोगो की निगाहों को, पढ़ लेने की आदत है |
ReplyDeleteहालात की तहरीरें, चेहरे से बचा रखना ||
भूलूँ मैं अगर ए दिल, तु याद दिला देना |
ReplyDeleteतन्हाई के लम्हों का, हर जख्म हरा रखना ||
..:)
लोगो की निगाहों को, पढ़ लेने की आदत है |
ReplyDeleteहालात की तहरीरें, चेहरे से बचा रखना ||
भूलूँ मैं अगर ए दिल, तु याद दिला देना |
तन्हाई के लम्हों का, हर जख्म हरा रखना ||
रातों को भटकने की, देता हैसजा मुझको |
ReplyDeleteदुश्वार है पहलू में, दिल तेरे बिना रखना ||
लोगो की निगाहों को, पढ़ लेने की आदत है |
हालात की तहरीरें, चेहरे से बचा रखना ||
एहसास की शमा को, इस तरह जला रखना |
ReplyDeleteअपनी भी खबर रखना, उसका भी पता रखना ||
Jat scoter te,scoter 80 te
ReplyDeleteJat bulet te,bulet 100 te
Jat alto te alto110 te
,jatt swift te
swft 120 te,
Agge
agge ki jatt ambulance Te.
AmbUlance 130 Te.